बिहार भूमि दाखिल खारिज ऑनलाइन आवेदन: सरल प्रक्रिया और आवश्यक दस्तावेज

बिहार भूमि दाखिल खारिज ऑनलाइन आवेदन: सरल प्रक्रिया और आवश्यक दस्तावेज

LegalKart Editor
LegalKart Editor
09 min read 125 Views
Lk Blog
Last Updated: Sep 10, 2024

भूमि दाखिल खारिज, जिसे आमतौर पर Land Mutation कहा जाता है, संपत्ति के स्वामित्व में हुए बदलाव को रिकॉर्ड करने की प्रक्रिया है। यह प्रक्रिया तब जरूरी हो जाती है, जब संपत्ति की बिक्री, गिफ्ट, या उत्तराधिकार के माध्यम से स्वामित्व में परिवर्तन होता है। बिहार में, अब यह प्रक्रिया ऑनलाइन की जा सकती है, जिससे इसे पहले की तुलना में आसान और अधिक पारदर्शी बनाया गया है।

इस ब्लॉग में हम निम्नलिखित महत्वपूर्ण पहलुओं को कवर करेंगे:

  1. दाखिल खारिज क्या होता है?

  2. Bihar Bhumi Dakhil Kharij Online एप्लीकेशन की प्रक्रिया

  3. आवेदन फॉर्म भरने के स्टेप्स

  4. आवेदन की स्थिति कैसे देखें?

  5. ऑफलाइन दाखिल खारिज की प्रक्रिया

  6. Bihar Bhumi Dakhil Kharij Online Apply से सम्बंधित ज़रूरी बातें

  7. दाखिल खारिज से जुड़ी अन्य सामान्य समस्याएं

दाखिल खारिज (Land Mutation) क्या होता है?

दाखिल खारिज, जिसे अंग्रेज़ी में Land Mutation कहा जाता है, एक कानूनी प्रक्रिया है जिसमें किसी संपत्ति के स्वामित्व का अधिकार बदला जाता है। जब भी कोई संपत्ति खरीदी जाती है, बेची जाती है, उत्तराधिकार में मिलती है, या गिफ्ट के रूप में हस्तांतरित होती है, तो उस संपत्ति के स्वामित्व में परिवर्तन को भूमि रिकॉर्ड में दर्ज करना जरूरी होता है।

सरकारी रिकॉर्ड में इस परिवर्तन को दाखिल खारिज के माध्यम से किया जाता है, ताकि संपत्ति के नए मालिक का नाम भूमि के राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज हो सके। इस प्रक्रिया से न केवल संपत्ति के अधिकारिक दस्तावेज़ों में नए मालिक का नाम दर्ज होता है, बल्कि भविष्य में संपत्ति से संबंधित किसी विवाद की स्थिति में यह एक महत्वपूर्ण कानूनी दस्तावेज़ के रूप में काम आता है।

दाखिल खारिज की आवश्यकता कब होती है?

दाखिल खारिज की आवश्यकता निम्नलिखित स्थितियों में होती है:

  1. संपत्ति की खरीद-बिक्री के बाद

  2. संपत्ति के उत्तराधिकार के माध्यम से हस्तांतरण होने पर

  3. संपत्ति के गिफ्ट के रूप में मिलने पर

  4. वसीयत के आधार पर संपत्ति का हस्तांतरण होने पर

दाखिल खारिज के लाभ:

  1. कानूनी मान्यता: म्यूटेशन संपत्ति के स्वामित्व को कानूनी रूप से मान्यता प्रदान करता है।

  2. भविष्य के विवाद से बचाव: दाखिल खारिज से भविष्य में किसी विवाद या संपत्ति पर दावे से बचा जा सकता है।

  3. सरकारी योजनाओं का लाभ: भूमि के स्वामित्व के दस्तावेज के आधार पर सरकारी योजनाओं का लाभ प्राप्त किया जा सकता है।

  4. कर अदायगी में सुविधा: दाखिल खारिज के माध्यम से नए मालिक का नाम भूमि कर रिकॉर्ड में दर्ज हो जाता है, जिससे कर अदायगी में आसानी होती है।

संक्षेप में, दाखिल खारिज एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, जिसके बिना संपत्ति का स्वामित्व पूरी तरह से वैध नहीं माना जा सकता।

Bihar Bhumi Dakhil Kharij Online एप्लीकेशन की प्रक्रिया

बिहार सरकार ने भूमि दाखिल खारिज (Land Mutation) प्रक्रिया को डिजिटल बना दिया है, जिससे नागरिकों को सरकारी कार्यालयों के चक्कर काटने से मुक्ति मिलती है। अब यह प्रक्रिया बिहार भूमि पोर्टल (Bihar Bhumi Portal) के माध्यम से ऑनलाइन की जा सकती है। यह पोर्टल भूमि स्वामित्व में बदलाव को कानूनी रूप से दर्ज करने के लिए उपयोग किया जाता है, और यह प्रक्रिया सरल, तेज, और पारदर्शी है।

नीचे दिए गए स्टेप्स की मदद से आप आसानी से बिहार भूमि दाखिल खारिज का ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं:

1. बिहार भूमि पोर्टल पर जाएं:

सबसे पहले, आपको Bihar Bhumi पोर्टल (https://biharbhumi.bihar.gov.in/Biharbhumi/) पर जाना होगा। यह पोर्टल बिहार सरकार द्वारा भूमि से संबंधित जानकारी और सेवाओं के लिए लॉन्च किया गया है।

2. रजिस्ट्रेशन करें:

यदि आप पहली बार पोर्टल का उपयोग कर रहे हैं, तो आपको पहले रजिस्ट्रेशन करना होगा। इसके लिए:

  1. पोर्टल पर 'नया यूजर' विकल्प पर क्लिक करें।

  2. आवश्यक विवरण जैसे नाम, मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी, और पता दर्ज करें।

  3. आपके मोबाइल पर OTP आएगा, जिसे दर्ज करने के बाद आपका रजिस्ट्रेशन पूरा हो जाएगा।

3. लॉगिन करें:

रजिस्ट्रेशन के बाद, अपने क्रेडेंशियल्स (यूजर आईडी और पासवर्ड) का उपयोग करके पोर्टल पर लॉगिन करें। लॉगिन करने के बाद आपको कई सेवाओं के विकल्प मिलेंगे, जिनमें से आपको ‘दाखिल खारिज’ का विकल्प चुनना होगा।

4. Bihar Bhumi Dakhil Kharij Online आवेदन फॉर्म भरने के स्टेप्स

लॉगिन करने के बाद, अब आपके सामने ऑनलाइन दाखिल खारिज फॉर्म खुलेगा। इसमें निम्नलिखित जानकारी सावधानी से भरें:

  • संपत्ति का विवरण: संपत्ति की जानकारी जैसे खाता संख्या, खसरा नंबर, मौजा का नाम आदि सही से दर्ज करें।

  • पूर्व और वर्तमान मालिक का विवरण: पूर्व मालिक और नए मालिक का नाम, पता और आधार कार्ड विवरण सही से भरें।

  • संपत्ति हस्तांतरण का कारण: हस्तांतरण का कारण जैसे खरीद-बिक्री, उत्तराधिकार या गिफ्ट के बारे में सही जानकारी दर्ज करें।

5. दस्तावेज़ अपलोड करें:

फॉर्म भरने के बाद, आपको आवश्यक दस्तावेजों की स्कैन कॉपी अपलोड करनी होगी। आवश्यक दस्तावेजों में शामिल हैं:

  1. विक्रय पत्र (Sale Deed)

  2. पूर्व और वर्तमान मालिक का आधार कार्ड या पहचान पत्र

  3. संपत्ति कर रसीद

  4. भूमि रसीद

  5. उत्तराधिकार प्रमाणपत्र (यदि लागू हो)

6. आवेदन शुल्क का भुगतान करें:

दस्तावेज़ अपलोड करने के बाद, आवेदन को आगे बढ़ाने के लिए आवेदन शुल्क का भुगतान करना होता है। भुगतान ऑनलाइन ही किया जा सकता है, जिसमें नेट बैंकिंग, डेबिट कार्ड, या क्रेडिट कार्ड का उपयोग किया जा सकता है।

7. आवेदन सबमिट करें और रसीद प्राप्त करें

सभी जानकारी सही से भरने के बाद "सबमिट" बटन पर क्लिक करें। आपका आवेदन जमा हो जाने के बाद आपको एक आवेदन संख्या प्राप्त होगी। यह रसीद आपको भविष्य के संदर्भ के लिए संभाल कर रखनी चाहिए।

Bihar Bhumi Dakhil Kharij Online आवेदन की स्थिति कैसे देखें?

ऑनलाइन दाखिल खारिज आवेदन की स्थिति जांचने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन करें:

  1. Bihar Bhumi की वेबसाइट (https://biharbhumi.bihar.gov.in/Biharbhumi/) पर जाएं। 

  2. "दाखिल ख़ारिज आवेदन स्थिति" के विकल्प पर क्लिक करें।

  3. आपके सामने एक नया पेज खुलेगा, जहां आपको आवेदन संख्या दर्ज करनी होगी।

  4. आवेदन संख्या दर्ज करने के बाद "Search" बटन पर क्लिक करें।

  5. इसके बाद, आपकी आवेदन स्थिति स्क्रीन पर प्रदर्शित हो जाएगी।

आवेदन का सत्यापन और अनुमोदन:

दाखिल खारिज के आवेदन के बाद, संबंधित राजस्व अधिकारी आवेदन की जांच और सत्यापन करेंगे। इस प्रक्रिया में कुछ दिनों का समय लग सकता है। यदि आपका आवेदन सही पाया जाता है, तो इसे मंजूरी मिल जाएगी और संपत्ति का स्वामित्व रिकॉर्ड में अपडेट हो जाएगा।

ऑफलाइन दाखिल खारिज की प्रक्रिया (Offline Dakhil Kharij Process)

बिहार में भूमि दाखिल खारिज (Land Mutation) की प्रक्रिया को ऑनलाइन करने के बावजूद, कई लोग अब भी ऑफलाइन दाखिल खारिज की प्रक्रिया का अनुसरण करते हैं। अगर किसी कारणवश आप ऑनलाइन आवेदन नहीं कर पा रहे हैं या आपको ऑफलाइन प्रक्रिया अधिक सुविधाजनक लगती है, तो आप नीचे दी गई चरणबद्ध प्रक्रिया का पालन करके अपने क्षेत्र के अंचल कार्यालय या अनुमंडल कार्यालय में जाकर दाखिल खारिज आवेदन कर सकते हैं।

ऑफलाइन दाखिल खारिज की प्रक्रिया सरल है, लेकिन यह कुछ समय लेने वाली हो सकती है। चलिए, इस प्रक्रिया को विस्तार से समझते हैं:

1. अंचल कार्यालय जाएं:

सबसे पहले, आपको अपने संबंधित क्षेत्र के अंचल कार्यालय या अनुमंडल कार्यालय जाना होगा। यह वही स्थान है जहां दाखिल खारिज का आवेदन किया जाता है। वहां आपको प्रक्रिया के संबंध में जानकारी दी जाएगी और आवेदन फॉर्म प्राप्त होगा।

2. दाखिल खारिज आवेदन फॉर्म प्राप्त करें:

अंचल कार्यालय में पहुंचने के बाद, आपको दाखिल खारिज आवेदन फॉर्म प्राप्त करना होगा। यह फॉर्म वही दस्तावेज है, जिसे भरकर आप भूमि के स्वामित्व में परिवर्तन का आवेदन करते हैं। फॉर्म आमतौर पर कार्यालय से फ्री में उपलब्ध होता है।

3. आवेदन फॉर्म भरें:

फॉर्म में निम्नलिखित जानकारियां सावधानीपूर्वक भरें:

  • संपत्ति का विवरण: संपत्ति का खाता संख्या, खसरा नंबर, प्लॉट नंबर, मौजा का नाम आदि।

  • पूर्व और वर्तमान मालिक का विवरण: पूर्व मालिक और नए मालिक का नाम, पता और पहचान पत्र की जानकारी।

  • संपत्ति हस्तांतरण का कारण: खरीदी-बिक्री, उत्तराधिकार, गिफ्ट, या वसीयत से स्वामित्व में परिवर्तन।

  • हस्तांतरण की तिथि: संपत्ति के हस्तांतरण की तारीख दर्ज करें।

4. आवश्यक दस्तावेज़ संलग्न करें:

फॉर्म भरने के साथ-साथ आपको कुछ जरूरी दस्तावेज़ भी संलग्न करने होंगे। निम्नलिखित दस्तावेज़ों की एक स्पष्ट और सही प्रति लगानी होगी:

  • विक्रय पत्र (Sale Deed): संपत्ति की खरीद-बिक्री के प्रमाण के रूप में।

  • खरीदार और विक्रेता का पहचान पत्र: आधार कार्ड, वोटर आईडी, या अन्य मान्य पहचान पत्र।

  • भूमि कर की रसीद: संपत्ति पर देय सभी करों का भुगतान किया गया हो, इसकी प्रमाणिकता के लिए।

  • जमीनी रसीद (Land Receipts): भूमि के पूर्व शुल्क की रसीदें।

  • उत्तराधिकार प्रमाणपत्र (यदि लागू हो): संपत्ति उत्तराधिकार के माध्यम से प्राप्त की गई हो, तो उत्तराधिकार प्रमाणपत्र।

  • वसीयत की कॉपी (यदि लागू हो): संपत्ति वसीयत के आधार पर हस्तांतरित हो रही हो, तो वसीयत की कॉपी।

5. आवेदन जमा करें:

आवेदन फॉर्म पूरी तरह से भरने और सभी दस्तावेज़ों को संलग्न करने के बाद, इसे अंचल कार्यालय में संबंधित अधिकारी को जमा करें। आपको एक रसीद प्राप्त होगी, जिसे आपको भविष्य के संदर्भ के लिए संभालकर रखना चाहिए। यह रसीद आपके आवेदन जमा करने का प्रमाण होगी और इसे आवेदन की स्थिति जानने के लिए उपयोग किया जा सकता है।

6. आवेदन शुल्क का भुगतान करें:

दाखिल खारिज के आवेदन के लिए आपको निर्धारित शुल्क का भुगतान करना होता है। यह शुल्क संपत्ति के स्थान, आकार, और प्रकार पर निर्भर करता है। शुल्क का भुगतान नकद या बैंक चालान के माध्यम से किया जा सकता है, और इसकी रसीद आपको प्रदान की जाएगी।

7. आवेदन की स्थिति की जांच करें:

आपके आवेदन जमा हो जाने के बाद, इसे संबंधित राजस्व अधिकारी द्वारा जांचा जाएगा। यह प्रक्रिया कुछ दिनों से लेकर कुछ सप्ताह तक चल सकती है, क्योंकि अधिकारी आपके द्वारा प्रस्तुत दस्तावेज़ों की वैधता और स्वामित्व की जांच करते हैं। आवेदन की स्थिति जानने के लिए आप अंचल कार्यालय में जाकर अपने आवेदन की स्थिति की जांच कर सकते हैं।

8. सत्यापन और मंजूरी:

सभी दस्तावेज़ों और जानकारी की जांच पूरी होने के बाद, आपके आवेदन को मंजूरी दी जाएगी। इसके बाद, भूमि के स्वामित्व में परिवर्तन दर्ज कर लिया जाएगा और नया मालिकाना हक सरकारी रिकॉर्ड में अपडेट हो जाएगा।

9. प्रमाणपत्र प्राप्त करें:

अंत में, दाखिल खारिज की प्रक्रिया पूरी होने पर, आपको इसका प्रमाणपत्र जारी किया जाएगा। यह प्रमाणपत्र भूमि के स्वामित्व के अधिकारिक दस्तावेज़ के रूप में काम करेगा। आप इसे अंचल कार्यालय से प्राप्त कर सकते हैं।

Bihar Bhumi Dakhil Kharij Online Apply से सम्बंधित कुछ ज़रूरी बातें

जब आप बिहार भूमि दाखिल खारिज (Land Mutation) के लिए ऑनलाइन आवेदन करते हैं, तो इस प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण बातें ध्यान में रखनी जरूरी हैं। इससे आपका आवेदन जल्दी और बिना किसी समस्या के स्वीकृत हो सकता है। आइए इन ज़रूरी बातों को समझते हैं:

1. सही और सटीक जानकारी दर्ज करें:

  1. ऑनलाइन आवेदन करते समय, आपको अपनी संपत्ति और व्यक्तिगत विवरण जैसे खाता संख्या, खसरा नंबर, मालिक का नाम, पता, आदि सही-सही दर्ज करना होता है। यदि आपने किसी भी जानकारी में त्रुटि की तो आवेदन अस्वीकार हो सकता है, और यह प्रक्रिया और लंबी हो सकती है।

  2. खासतौर पर स्वामित्व परिवर्तन का कारण (खरीद-बिक्री, उत्तराधिकार, गिफ्ट, आदि) सही से भरें।

2. आवश्यक दस्तावेज़ सही ढंग से अपलोड करें:

  1. आवेदन करते समय, आपको कुछ ज़रूरी दस्तावेज़ अपलोड करने होते हैं जैसे:

    1. संपत्ति का विक्रय पत्र (Sale Deed)

    2. विक्रेता और क्रेता का आधार कार्ड

    3. भूमि कर की रसीद

    4. उत्तराधिकार प्रमाणपत्र (यदि लागू हो)

  2. सभी दस्तावेजों को साफ़ और स्पष्ट तरीके से स्कैन करें ताकि कोई भी जानकारी छूटे नहीं। धुंधले या अधूरे दस्तावेज़ों के कारण आवेदन अस्वीकृत हो सकता है।

3. आवेदन शुल्क का सही समय पर भुगतान करें:

  1. दाखिल खारिज आवेदन को पूरा करने के लिए आवेदन शुल्क का भुगतान करना जरूरी है। सुनिश्चित करें कि आप ऑनलाइन भुगतान करते समय सही माध्यम का चयन करें और सफल भुगतान की रसीद प्राप्त करें। यदि शुल्क का भुगतान नहीं किया गया है, तो आवेदन प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ेगी।

  2. भुगतान की रसीद को भविष्य के संदर्भ के लिए संभाल कर रखें।

4. आवेदन की स्थिति नियमित रूप से जांचें: आवेदन जमा करने के बाद, आप Bihar Bhumi पोर्टल पर अपनी आवेदन संख्या का उपयोग करके स्थिति की जांच कर सकते हैं। इससे आपको यह पता चलेगा कि आवेदन किस चरण में है और कहीं कोई समस्या तो नहीं आई है। नियमित रूप से स्थिति की जांच करने से आप किसी भी संभावित समस्या का समय पर समाधान कर सकते हैं।

5. समय पर आवेदन जमा करें: यदि आप संपत्ति की बिक्री, गिफ्ट, या उत्तराधिकार के माध्यम से मालिकाना हक प्राप्त कर रहे हैं, तो दाखिल खारिज का आवेदन तुरंत करें। देरी करने से भविष्य में स्वामित्व संबंधी विवाद उत्पन्न हो सकते हैं, और सरकारी रिकॉर्ड में आपके स्वामित्व का नाम दर्ज नहीं होगा।

6. आवेदन संख्या को संभाल कर रखें: जब आप आवेदन जमा करते हैं, तो आपको एक आवेदन संख्या प्रदान की जाती है। यह आवेदन संख्या आपको आवेदन की स्थिति की जांच करने में मदद करती है, इसलिए इसे संभाल कर रखें। यदि कभी कोई समस्या आती है, तो आवेदन संख्या की मदद से आप अधिकारियों से संपर्क कर सकते हैं।

7. ऑनलाइन पोर्टल का सही तरीके से उपयोग करें: Bihar Bhumi पोर्टल पर सभी निर्देशों का पालन करें और ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया को ध्यान से समझें। गलत तरीके से या अधूरा आवेदन करने से आपका समय और पैसा बर्बाद हो सकता है। अगर आपको कोई समझने में दिक्कत होती है, तो पोर्टल पर दिए गए यूजर गाइड या FAQ सेक्शन का उपयोग करें।

8. दाखिल खारिज के लिए आवश्यक समय को ध्यान में रखें: दाखिल खारिज की प्रक्रिया में आमतौर पर 30-45 दिन लग सकते हैं। इसलिए आवेदन करने के बाद धैर्य रखें और नियमित रूप से आवेदन की स्थिति की जांच करते रहें। किसी भी प्रकार की देरी के लिए तैयार रहें और यदि कोई दस्तावेज़ या जानकारी गायब हो, तो उसे तुरंत सही करें।

9. समस्या होने पर हेल्पलाइन का उपयोग करें: यदि आपको किसी भी चरण में कोई समस्या आती है या आप आवेदन की स्थिति को लेकर कोई सवाल पूछना चाहते हैं, तो बिहार भूमि विभाग की हेल्पलाइन का उपयोग करें। हेल्पलाइन नंबर 18003456215 पर कॉल करके आप अपनी समस्या का समाधान पा सकते हैं।

बिहार राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग हेल्पलाइन नंबर – 18003456215

यदि आपको आवेदन प्रक्रिया के दौरान किसी भी प्रकार की सहायता की आवश्यकता हो, तो आप बिहार सरकार की हेल्पलाइन सेवा का उपयोग कर सकते हैं। हेल्पलाइन नंबर – 18003456215 पर कॉल करें और अपनी समस्या बताएं।

बिहार दाखिल खारिज में कितना समय लगता है?

बिहार में दाखिल खारिज (Land Mutation) की प्रक्रिया को पूरा करने में लगने वाला समय आवेदन की जटिलता, दस्तावेजों की वैधता, और अधिकारियों द्वारा की जाने वाली जांच पर निर्भर करता है। सामान्यतः दाखिल खारिज प्रक्रिया को पूरा करने में लगभग 30 से 45 दिन का समय लग सकता है।

दाखिल खारिज का शुल्क क्या है?

बिहार में दाखिल खारिज (Land Mutation) की प्रक्रिया को पूरा करने के लिए एक निर्धारित शुल्क लिया जाता है। यह शुल्क राज्य सरकार द्वारा तय किया जाता है और इसमें विभिन्न कारक शामिल होते हैं, जैसे कि संपत्ति का प्रकार, स्थान, और संपत्ति के मूल्य के आधार पर यह शुल्क अलग-अलग हो सकता है।

दाखिल खारिज का सामान्य शुल्क

बिहार में दाखिल खारिज के लिए सामान्यतया 100 रुपये से 500 रुपये तक का शुल्क निर्धारित किया जाता है। यह शुल्क मुख्य रूप से संपत्ति के मूल्य और स्थान पर निर्भर करता है। उदाहरण के लिए, शहरी क्षेत्रों में स्थित संपत्तियों का शुल्क ग्रामीण क्षेत्रों की संपत्तियों से अधिक हो सकता है।

आवेदन शुल्क कैसे भुगतान करें?

दाखिल खारिज के आवेदन के दौरान, जब आप ऑनलाइन आवेदन कर रहे होते हैं, तो शुल्क का भुगतान आप ऑनलाइन ही कर सकते हैं। यह भुगतान प्रक्रिया बिहार भूमि पोर्टल पर होती है, और आप इसे निम्नलिखित माध्यमों से कर सकते हैं:

  1. डेबिट कार्ड

  2. क्रेडिट कार्ड

  3. नेट बैंकिंग

  4. यूपीआई (UPI)

ऑफलाइन प्रक्रिया के दौरान, शुल्क का भुगतान संबंधित अंचल कार्यालय में नकद या बैंक चालान के माध्यम से किया जा सकता है।

अतिरिक्त शुल्क

कभी-कभी दाखिल खारिज की प्रक्रिया में अगर कोई जटिलता आती है, जैसे कि विवादित संपत्ति, उत्तराधिकार संबंधी समस्याएँ, तो अतिरिक्त शुल्क की आवश्यकता हो सकती है। इसके अलावा, यदि वकील या एजेंट की सहायता ली जाती है, तो उनकी सेवा के लिए अलग से शुल्क देना पड़ सकता है।

शुल्क की रसीद प्राप्त करना

दाखिल खारिज का शुल्क जमा करने के बाद आपको एक रसीद प्रदान की जाती है। यह रसीद बहुत महत्वपूर्ण होती है, क्योंकि यह आपके आवेदन शुल्क के भुगतान का प्रमाण होती है। इस रसीद को भविष्य के लिए संभाल कर रखें, ताकि यदि किसी भी प्रकार की समस्या हो, तो आप इसे प्रस्तुत कर सकें।

क्या स्वयं दाखिल खारिज करवा सकते हैं या किसी वकील की ज़रूरत है?

यदि आप कानूनी प्रक्रिया से परिचित हैं और ऑनलाइन आवेदन करने में सक्षम हैं, तो आप स्वयं दाखिल खारिज आवेदन कर सकते हैं। हालांकि, जटिल मामलों में, खासकर जहां संपत्ति के उत्तराधिकार का सवाल हो, किसी वकील की मदद लेना फायदेमंद हो सकता है।

अगर जमीन का म्यूटेशन नहीं कराया तो क्या होगा?

यदि आपने संपत्ति का म्यूटेशन नहीं कराया है, तो:

  1. स्वामित्व विवाद हो सकता है, और आप कानूनी तौर पर संपत्ति के मालिक नहीं माने जा सकते।

  2. संपत्ति बेचने में कठिनाई हो सकती है, क्योंकि म्यूटेशन के बिना संपत्ति के मालिकाना हक का आधिकारिक प्रमाण नहीं होता।

  3. वित्तीय लेन-देन में समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, जैसे कि बैंक से लोन लेना आदि।

दाखिल खारिज की कागजात की कॉपी कैसे प्राप्त करें?

जब दाखिल खारिज (Land Mutation) की प्रक्रिया पूरी हो जाती है और आपकी संपत्ति का स्वामित्व रिकॉर्ड में दर्ज हो जाता है, तब आपको इसका प्रमाणपत्र प्राप्त करने की आवश्यकता होती है। बिहार में दाखिल खारिज की कागजात की कॉपी प्राप्त करने के लिए आप निम्नलिखित तरीकों का उपयोग कर सकते हैं:

1. बिहार भूमि पोर्टल (Bihar Bhumi Portal) से ऑनलाइन प्राप्त करें:

यदि आपने दाखिल खारिज का आवेदन ऑनलाइन किया है, तो आप इसकी कागजात की कॉपी भी ऑनलाइन ही डाउनलोड कर सकते हैं। इसके लिए निम्नलिखित चरणों का पालन करें:

  1. बिहार भूमि पोर्टल पर जाएं (https://biharbhumi.bihar.gov.in/Biharbhumi/): Bihar Bhumi की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।

  2. लॉगिन करें: अपनी लॉगिन आईडी और पासवर्ड का उपयोग करके पोर्टल में लॉगिन करें। यदि आपने पहले से रजिस्ट्रेशन नहीं किया है, तो पहले रजिस्ट्रेशन करें।

  3. आवेदन स्थिति देखें: लॉगिन करने के बाद, "आवेदन की स्थिति" विकल्प पर क्लिक करें और अपनी आवेदन संख्या दर्ज करें।

  4. दाखिल खारिज प्रमाणपत्र डाउनलोड करें: जब आपका दाखिल खारिज आवेदन स्वीकृत हो जाएगा, तो आप इसकी कागजात की डिजिटल कॉपी (प्रमाणपत्र) को डाउनलोड कर सकते हैं। यह प्रमाणपत्र आपकी संपत्ति के स्वामित्व को कानूनी मान्यता देता है।

  5. प्रिंट निकालें: प्रमाणपत्र डाउनलोड करने के बाद आप इसे प्रिंट करके अपने रिकॉर्ड के लिए सुरक्षित रख सकते हैं।

2. अंचल कार्यालय से प्राप्त करें:

यदि आपने दाखिल खारिज का आवेदन ऑफलाइन किया है या आपको कागजात की आधिकारिक हस्ताक्षरित प्रति चाहिए, तो आप अपने संबंधित अंचल कार्यालय या अनुमंडल कार्यालय से इसे प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए:

  1. अंचल कार्यालय जाएं: अपने क्षेत्र के अंचल कार्यालय में जाएं, जहां दाखिल खारिज का आवेदन किया गया था।

  2. आवेदन संख्या प्रस्तुत करें: अपने आवेदन संख्या और अन्य आवश्यक दस्तावेज़ प्रस्तुत करें।

  3. प्रमाणपत्र की प्रति प्राप्त करें: संबंधित अधिकारी से दाखिल खारिज का प्रमाणपत्र प्राप्त करें। यह एक आधिकारिक दस्तावेज़ होगा, जिसे किसी भी कानूनी प्रक्रिया में उपयोग किया जा सकता है।

3. सीएससी केंद्र (CSC Center) के माध्यम से:

बिहार में दाखिल खारिज के प्रमाणपत्र की प्रति आप कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) के माध्यम से भी प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए:

  1. नजदीकी CSC सेंटर जाएं: अपने इलाके के निकटतम कॉमन सर्विस सेंटर पर जाएं।

  2. आवेदन संख्या और दस्तावेज प्रस्तुत करें: अपनी आवेदन संख्या और पहचान पत्र प्रस्तुत करें।

  3. प्रमाणपत्र की प्रति प्राप्त करें: CSC सेंटर से दाखिल खारिज की प्रमाणित प्रति प्राप्त करें।

दाखिल खारिज से जुड़ी अन्य सामान्य समस्याएं

1. दस्तावेजों की कमी या त्रुटियां

दाखिल खारिज के आवेदन के समय सभी आवश्यक दस्तावेज़ों का होना जरूरी है। कई बार दस्तावेज़ों की कमी या उनमें त्रुटियां (जैसे आधार कार्ड में नाम की गलत स्पेलिंग, खसरा नंबर का गलत होना) आवेदन अस्वीकार होने का मुख्य कारण बनती हैं। खासतौर पर, विक्रय पत्र (Sale Deed), भूमि कर रसीद, और उत्तराधिकार प्रमाणपत्र के बिना आवेदन स्वीकृत नहीं होगा।

समाधान: सभी दस्तावेजों की सही ढंग से जांच करें और उन्हें स्कैन करते समय साफ़ और स्पष्ट सुनिश्चित करें। फॉर्म भरने से पहले दस्तावेज़ों की लिस्ट की जांच कर लें।

2. विवादित संपत्ति

कई बार दाखिल खारिज प्रक्रिया में देरी तब होती है, जब संबंधित संपत्ति पर कोई कानूनी विवाद या दावा लंबित हो। अगर संपत्ति पर स्वामित्व को लेकर विवाद चल रहा हो, तो दाखिल खारिज की प्रक्रिया तब तक पूरी नहीं की जा सकती जब तक विवाद का समाधान नहीं हो जाता।

समाधान: यदि संपत्ति विवादित है, तो पहले विवाद का निपटारा करवाएं। इसके लिए अदालत के आदेश की जरूरत हो सकती है, जिसे दाखिल खारिज के समय प्रस्तुत करना होगा।

3. स्वामित्व विवाद

कई बार दाखिल खारिज के समय स्वामित्व को लेकर विवाद उत्पन्न हो सकता है। जैसे कि संपत्ति किसी उत्तराधिकारी के नाम पर हो, लेकिन उस पर किसी अन्य व्यक्ति ने दावा किया हो। ऐसे मामलों में आवेदन प्रक्रिया में काफी समय लग सकता है, क्योंकि अधिकारियों को स्वामित्व की पुष्टि करनी पड़ती है।

समाधान: संपत्ति का विक्रय या हस्तांतरण करते समय सभी कागजात को विधिवत तरीके से पूरा करें और हर कानूनी दस्तावेज को सही तरीके से तैयार करें ताकि स्वामित्व विवाद से बचा जा सके।

4. आवेदन में गलत जानकारी भरना

अगर आप दाखिल खारिज के आवेदन में गलत जानकारी भरते हैं, जैसे कि गलत खसरा नंबर, मालिक का नाम गलत, या अन्य जानकारी में त्रुटि हो, तो आवेदन अस्वीकृत हो सकता है। यह प्रक्रिया को अनावश्यक रूप से लंबा कर सकता है।

समाधान: आवेदन भरते समय सभी जानकारी को ध्यानपूर्वक और सही तरीके से भरें। आवेदन सबमिट करने से पहले उसे दोबारा चेक करें।

5. आवेदन में देरी

दाखिल खारिज के लिए समय पर आवेदन करना जरूरी होता है। कई बार संपत्ति हस्तांतरण के बाद लोग दाखिल खारिज के लिए आवेदन करने में देरी कर देते हैं। इससे स्वामित्व में परिवर्तन का आधिकारिक रिकॉर्ड में अपडेट न हो पाना भविष्य में समस्याएं खड़ी कर सकता है, जैसे कि संपत्ति पर विवाद या सरकारी योजनाओं का लाभ न मिल पाना।

समाधान: संपत्ति की खरीद-बिक्री या हस्तांतरण के तुरंत बाद दाखिल खारिज का आवेदन करें, ताकि समय पर स्वामित्व परिवर्तन हो सके।

6. आवेदन की स्थिति का पता न होना

कई लोग आवेदन जमा करने के बाद उसकी स्थिति की नियमित जांच नहीं करते हैं, जिसके कारण उन्हें यह पता नहीं चल पाता कि आवेदन किस स्थिति में है। अगर आवेदन में कोई त्रुटि होती है या किसी दस्तावेज की कमी होती है, तो इसका पता आवेदन की स्थिति जांचने से ही चलता है।

समाधान: Bihar Bhumi पोर्टल पर अपनी आवेदन स्थिति नियमित रूप से जांचें। अगर ऑफलाइन आवेदन किया है, तो संबंधित अंचल कार्यालय में जाकर स्थिति की जानकारी लें।

7. आवेदन की देरी के कारण प्रक्रिया में विलंब

कई बार आवेदन की जांच करने वाले अधिकारियों की व्यस्तता या कार्यालय में चल रही प्रक्रियाओं के कारण दाखिल खारिज में देरी हो सकती है। यह सरकारी प्रक्रिया का हिस्सा है, और इसमें समय लग सकता है, खासकर जब आवेदन अधिक संख्या में होते हैं।

समाधान: यदि प्रक्रिया में देरी हो रही है, तो संबंधित अंचल या अनुमंडल कार्यालय में जाकर इसके बारे में जानकारी लें। आप अधिकारियों से संपर्क करके प्रक्रिया को तेज करने के लिए अनुरोध भी कर सकते हैं।

8. भ्रष्टाचार और अवैध मांगें

कई बार नागरिकों को स्थानीय अधिकारियों द्वारा अवैध रूप से फीस या अन्य गैर-कानूनी मांगों का सामना करना पड़ता है। यह एक बड़ी समस्या हो सकती है, खासकर जब कोई व्यक्ति सरकारी प्रक्रिया से पूरी तरह अवगत न हो।

समाधान: किसी भी अवैध मांग या भ्रष्टाचार का सामना करने पर, तुरंत संबंधित उच्चाधिकारियों या लोकपाल से शिकायत करें। बिहार सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़े कानून लागू किए हैं, जिनका लाभ उठाकर आप न्याय पा सकते हैं।

निष्कर्ष

बिहार भूमि दाखिल खारिज ऑनलाइन आवेदन एक सरल और पारदर्शी प्रक्रिया है, जिससे भूमि स्वामित्व में बदलाव की कानूनी प्रक्रिया को पूरा किया जा सकता है। ऑनलाइन प्रक्रिया ने इसे पहले से अधिक सुलभ बना दिया है। सही दस्तावेजों और जानकारी के साथ आप आसानी से अपने संपत्ति का म्यूटेशन करवा सकते हैं और भविष्य में किसी भी भूमि विवाद से बच सकते हैं।

आपकी सहायता के लिए बिहार राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग हेल्पलाइन नंबर – 18003456215 पर भी संपर्क कर सकते हैं।

Frequently asked questions

दाखिल खारिज में कितना समय लगता है?

सामान्यतः दाखिल खारिज की प्रक्रिया को पूरा करने में 30 से 45 दिन का समय लगता है, लेकिन यह आवेदन की जटिलता और दस्तावेज़ों की जांच पर निर्भर करता है।

 

अगर दाखिल खारिज का आवेदन रद्द हो जाता है तो क्या करें?

अगर आपका आवेदन रद्द हो जाता है, तो फॉर्म में दी गई त्रुटियों को सुधारें और दोबारा से आवेदन करें।

 

दाखिल खारिज क्या होता है?

दाखिल खारिज (Land Mutation) वह प्रक्रिया है जिसके तहत किसी संपत्ति के स्वामित्व में बदलाव को सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज किया जाता है, जैसे कि खरीद-बिक्री, गिफ्ट, या उत्तराधिकार के माध्यम से।

 

बिहार भूमि दाखिल खारिज के लिए आवेदन कैसे करें?

बिहार भूमि दाखिल खारिज के लिए आप Bihar Bhumi पोर्टल पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। ऑफलाइन आवेदन के लिए अंचल कार्यालय जाकर फॉर्म जमा करना होता है।

 

क्या संपत्ति का म्यूटेशन (दाखिल खारिज) न कराना कानूनी समस्या पैदा कर सकता है?

हां, म्यूटेशन न कराने पर संपत्ति के स्वामित्व का कानूनी रिकॉर्ड नहीं बनेगा, जिससे भविष्य में विवाद या संपत्ति बेचने में समस्या हो सकती है।

 

 

 

 

Online Consultation

LegalKart - Lawyers are online
LegalKart - Lawyers are online
LegalKart - Lawyers are online
+144 Online Lawyers
Lawyers are consulting with their respective clients
+21 Online Calls
Talk To Lawyer Or Online Consultation - LegalKart

Online Consultations

LegalKart - Lawyers are online
LegalKart - Lawyers are online
LegalKart - Lawyers are online
+144 Online Lawyers
Lawyers are consulting with their respective clients
+21 Online Calls

Frequently asked questions

दाखिल खारिज में कितना समय लगता है?

सामान्यतः दाखिल खारिज की प्रक्रिया को पूरा करने में 30 से 45 दिन का समय लगता है, लेकिन यह आवेदन की जटिलता और दस्तावेज़ों की जांच पर निर्भर करता है।

 

अगर दाखिल खारिज का आवेदन रद्द हो जाता है तो क्या करें?

अगर आपका आवेदन रद्द हो जाता है, तो फॉर्म में दी गई त्रुटियों को सुधारें और दोबारा से आवेदन करें।

 

दाखिल खारिज क्या होता है?

दाखिल खारिज (Land Mutation) वह प्रक्रिया है जिसके तहत किसी संपत्ति के स्वामित्व में बदलाव को सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज किया जाता है, जैसे कि खरीद-बिक्री, गिफ्ट, या उत्तराधिकार के माध्यम से।

 

बिहार भूमि दाखिल खारिज के लिए आवेदन कैसे करें?

बिहार भूमि दाखिल खारिज के लिए आप Bihar Bhumi पोर्टल पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। ऑफलाइन आवेदन के लिए अंचल कार्यालय जाकर फॉर्म जमा करना होता है।

 

क्या संपत्ति का म्यूटेशन (दाखिल खारिज) न कराना कानूनी समस्या पैदा कर सकता है?

हां, म्यूटेशन न कराने पर संपत्ति के स्वामित्व का कानूनी रिकॉर्ड नहीं बनेगा, जिससे भविष्य में विवाद या संपत्ति बेचने में समस्या हो सकती है।

 

 

 

 

Online Consultations

LegalKart - Lawyers are online
LegalKart - Lawyers are online
LegalKart - Lawyers are online
+144 Online Lawyers
Lawyers are consulting with their respective clients
+21 Online Calls
Talk To Lawyer Or Online Consultation - LegalKart